चूरू, भारत खबर। चूरू जिले के अब खेतों में उड़ते ड्रोन को देखने को मिलेंगे, लेकिन इन्हें चलाएंगी गाँव की लड़कियां। अब तक सिर्फ घर ओर खेतों तक सीमित रहने वाली औरते अब टेक्नोलॉजी की सहायता से आत्मनिर्भर बनेगी। नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत राजविका से जुड़ी महिलाओं को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। ताकि वो कम दामों पर किसानों के खेतों में कीटनाशक और उर्वरक के छिड़काव का काम कर सके।
इस योजना के जरिए महिलाओं को ना सिर्फ काम मिलेगा, बल्कि किसानों को भी कम पेसो में आधुनिक सुविधा मिलेगी। राजगढ़ की कविता कुमारी इस योजना की पहली महिला बनी है, जिन्होंने पूरी ट्रेनिंग कर ली। और अब अपने इलाके में ड्रोन से फसल पर छिड़काव शुरू कर दिया है। बाकी चीनित महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है।
जिलेभर से कुल 24 महिलाओं को इस योजना के लिए चुना गया है। जिन में चूरू, रतनगढ़, राजगढ़, सरदारशहर, बीदासर और तारानगर की महिलाएं शामिल है। खाश बात ये है कि इनका चयन स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से हुआ है। यानी ये महिलाएं पहले से सामूहिक काम करने की इच्छुक और सक्षम हैं।
ट्रेनिंग में उन्हें ड्रोन उड़ाने की तकनीक, उसकी देखरेख और खेतों में इसके स्मार्ट उपयोग के तरीके सिखाए जा रहे हैं। इसके बाद जैसे ही उन्हे ड्रोन दिए जाएंगे, किसान उन से संपर्क कर बहुत ही कम दामों में सेवा ले सकेंगे। किराया CLF तय करेगा बुकिंग सीधे महिला पायलट से की जाएगी।
राजविका की जिला परियोजना प्रबंधक दुर्गा ढाका बताती है कि ये योजना सिर्फ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का जरिया नहीं है, बल्कि ग्रामीण कृषि व्यवस्था को तकनीक से जोड़ने की बड़ी पहल है। आने वाले समय में महिलाए दूसरे गांवों की महिलाओं को भी प्रेरित करेगी