SSC एग्जाम में AI टेक्नोलॉजी: पेपर लीक पर लगा फुलस्टॉप!
देश की सबसे बड़ी सरकारी परीक्षाओं में से एक SSC (Staff Selection Commission) अब और भी हाईटेक हो गई है। पेपर लीक जैसी गंभीर समस्याओं से निपटने के लिए अब SSC एग्जाम में AI टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है। इस तकनीक के इस्तेमाल से न सिर्फ पेपर लीक की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी, बल्कि परीक्षा प्रक्रिया भी पहले से कहीं ज्यादा ट्रांसपेरेंट और भरोसेमंद हो जाएगी।
क्या है SSC की नई AI तकनीक?
SSC ने एक एडवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को अपनाया है, जिसे Cubastion Consulting नाम की कंपनी ने डेवलप किया है। इस AI सिस्टम की खास बात यह है कि—
- पेपर परीक्षा शुरू होने से सिर्फ 15 मिनट पहले तैयार किया जाएगा।
- यह पेपर पूरी तरह रियल-टाइम में तैयार होगा।
- कोई भी सवाल पहले से तय नहीं होगा, AI खुद चुनकर बनाएगा पेपर।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि—
- ना कोई सवाल दोहराया जाएगा,
- ना मैन्युअल गड़बड़ी होगी,
- और ना ही किसी को पहले से पेपर लीक कर पाना संभव होगा।
कैसे काम करता है यह AI सिस्टम?
इस AI सिस्टम का कामकाज पूरी तरह डिजिटल और सिक्योर है:
1.AI पेपर सेलेक्शन: SSC का पहले से तैयार क्वेश्चन बैंक होता है। AI उस बैंक में से सवालों को रैंडम तरीके से चुनता है, जो हर बार अलग-अलग होते हैं।
2.एन्क्रिप्टेड पेपर: जो पेपर तैयार होता है, वह पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड रहता है। इसे कोई इंसान पहले से देख भी नहीं सकता।
3.डिजिटल सिग्नेचर से पेपर ओपनिंग:
परीक्षा केंद्र में पेपर खोलने के लिए कैंडिडेट का डिजिटल सिग्नेचर जरूरी होता है। गलत सिग्नेचर डालने पर पेपर खुलेगा ही नहीं और सिस्टम तुरंत अलर्ट भेजेगा।
4.रियल टाइम मॉनिटरिंग:
परीक्षा से पहले और दौरान हर गतिविधि पर AI की नजर होती है। कोई गड़बड़ी या छेड़छाड़ मिलते ही सिस्टम तुरंत रिपोर्ट करता है।
SSC एग्जाम अब और भी सिक्योर क्यों है?
2024 में लागू हुए सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के अनुसार, अब कोई भी अगर पेपर लीक करता है या परीक्षा में गड़बड़ी करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस अधिनियम के तहत:
- पेपर लीक करने वालों को जेल की सजा और भारी जुर्माना।
- एग्जाम से जुड़ी कोई भी धोखाधड़ी अब अपराध की श्रेणी में।
इसलिए AI तकनीक के साथ अब एग्जाम न सिर्फ सुरक्षित हुआ है बल्कि गंभीर सजा का डर भी परीक्षा को निष्पक्ष बना रहा है।
15 जून को AI के साथ पहली SSC परीक्षा हो चुकी है!
SSC चेयरमैन एस. गोपालकृष्णन ने बताया कि इस तकनीक के साथ पहली परीक्षा 15 जून को कराई गई और यह पूरी तरह सफल रही। अब आने वाले समय में सभी SSC और केंद्र सरकार की डिपार्टमेंटल परीक्षाएं इस तकनीक से कराई जाएंगी।
SSC GD कांस्टेबल भर्ती का अपडेट भी जानिए!
SSC GD कांस्टेबल परीक्षा का रिजल्ट आ चुका है। इस परीक्षा में लगभग 3.90 लाख उम्मीदवार पास हुए हैं। अब इनका अगला चरण होगा:
PET (Physical Efficiency Test)
- पुरुषों को 5 KM की दौड़ 24 मिनट में पूरी करनी होगी।
- महिलाओं को 1.6 KM की दौड़ 8.5 मिनट में।
PST (Physical Standard Test)
- इसमें उम्मीदवार की ऊंचाई, वजन और छाती की माप ली जाती है।
मेडिकल टेस्ट
- जिन उम्मीदवारों ने PET और PST पास कर लिया है, उनका मेडिकल चेकअप होगा।
- कोई गंभीर बीमारी, कमजोर नजर या शारीरिक समस्या वाले बाहर कर दिए जाएंगे।
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन
- 10वीं की मार्कशीट
- जन्म प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- पहचान पत्र
- और नाम में बदलाव से जुड़ा प्रमाण
इन सभी दस्तावेजों की जांच के बाद ही मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी।
अंतिम चरण: मेरिट लिस्ट और अपॉइंटमेंट
सभी फिजिकल और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद फाइनल मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। इस बार 39,481 पदों पर भर्ती होनी है। जिन उम्मीदवारों का नाम फाइनल लिस्ट में होगा, उन्हें नियुक्ति पत्र मिलेगा।
अब SSC एग्जाम = भरोसे की गारंटी
SSC एग्जाम में AI टेक्नोलॉजी का शामिल होना एक ऐतिहासिक कदम है। इससे ना केवल पेपर लीक जैसी गंभीर समस्या पर ब्रेक लगेगा, बल्कि लाखों छात्रों को एक पारदर्शी और सुरक्षित परीक्षा व्यवस्था मिलेगी।
अब हर उम्मीदवार को बराबरी का मौका मिलेगा। न कोई सेटिंग, न कोई लीकेज। सिर्फ मेहनत और ईमानदारी से तय होगी सफलता की सीढ़ी।
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