सरदारशहर (भारत खबर)
जिस सड़क को कभी शहर की शान कहा जाता था, वही अब शर्म का कारण बन गई है। सरदारशहर के ताल मैदान की मुख्य सड़क की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि वहां चलना भी खतरे से खाली नहीं है। सड़क पर जगह-जगह बने गहरे गड्ढों ने आम जनता की ज़िंदगी मुश्किल में डाल दी है।
सबसे चिंताजनक बात ये है कि यही रास्ता राजकीय उप-जिला अस्पताल तक जाता है, जहां शहर और आसपास के गांवों से हर दिन सैकड़ों लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं। बारिश के दिनों में ये सड़क किसी दलदल से कम नहीं लगती — चारों तरफ पानी, कीचड़ और बीमारियों का खतरा।
गड्ढों से एंबुलेंस भी हार गई!
गंभीर मरीजों और प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिलाओं को अस्पताल तक लाना किसी जंग जीतने से कम नहीं है। एंबुलेंस चालक भी मजबूरी में गड्ढों से भरी इस सड़क से धीरे-धीरे गुजरते हैं, जिससे कई बार देरी से इलाज मिलने के मामले सामने आ चुके हैं।
विकास के दावे हुए फेल?
भाजपा सरकार होने के बावजूद इस सड़क की मरम्मत का काम आज तक शुरू नहीं हो सका। खास बात ये है कि पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवा, जिन्होंने सरदारशहर से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था और करीब 53,000 वोट भी हासिल किए थे, कई बार इसी रास्ते से गुजर चुके हैं।
उन्होंने वादा किया था कि “विकास कार्यों में कोई कमी नहीं आने दूंगा”, लेकिन इस सड़क की हालत देख कर तो लगता है जैसे सब वादे हवा हो गए।
ताल मैदान बना बीमारी का केंद्र
सिर्फ सड़क ही नहीं, बरसात के मौसम में ताल मैदान में शहर भर का पानी जमा हो जाता है। इससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा और बढ़ जाता है। लोगों को डर है कि कहीं ये जगह महामारी का कारण ना बन जाए।
आम जनता की मांग – अब नहीं सहेंगे और इंतज़ार!
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार नगर परिषद और नेताओं को ज्ञापन दिए, शिकायतें कीं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अब लोगों की मांग है कि या तो इस सड़क की मरम्मत तुरंत शुरू की जाए या फिर जिम्मेदार अधिकारियों और नेताओं पर कार्रवाई हो।
ताल मैदान की सड़क आज सरदारशहर के विकास की असली तस्वीर दिखा रही है। जहां एक ओर नेता मंचों से विकास की बातें करते हैं, वहीं ज़मीन पर हकीकत कुछ और ही बयां करती है। सवाल ये है — क्या कोई इस सड़क की सुध लेगा, या जनता यूं ही गड्ढों में उम्मीदें खोजती रहेगी?
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