भारत खबर । सरदारशहर
सरदारशहर के सबसे बड़े राजकीय उप जिला अस्पताल की हालत खराब होती जा रही है। बारिश आते ही अस्पताल की छतों से पानी टपकने लगता है। नवजात शिशु वार्ड की हालत तो इतनी खराब हो चुकी है कि यहां इलाज कराने आने वाले मरीजों को हर वक्त हादसे का डर लगा रहता है।
55 साल पुराना है अस्पताल भवन
जानकारी के अनुसार, इस अस्पताल का निर्माण साल 1970 में भामाशाह छोटूलाल सेठिया परिवार ने करवाया था। अब यह भवन 55 साल पुराना हो चुका हैं। समय के साथ इसकी दीवारें बिल्कुल कमजोर हो गई हैं। छतों में दरारें भी साफ नजर आती है। बरसात के मौसम में तो हालत और खराब हो जाते है।
सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं और नवजातों को
बारिश के दौरान अस्पताल के महिलाओं वार्ड में छतों से पानी टपकने लगता हैं। नवजात शिशु भर्ती वार्ड की छत भी टपकने लगती हैं और दीवारों में सीलन आ जाती हैं। ये हालत मरीज और स्टाफ दोनों के खतरा का संकेत दे रही हैं। रोजाना 1500 से 1800 लोग OPD में आते है। वही 30 से 40 मरीज हर दिन भर्ती भी होते हैं। अस्पताल में रोज 10 से 15 डिलीवरी करवाई जाती हैं। इसके अलावा भी काफी मरीज आते है, और शिविर भी आयोजित किए जाते है।
बजट मिला लेकिन काम फिर भी अटका
अस्पताल की खराब हालत को देखते हुए राज्य सरकार ने नए भवन के लिए 50 करोड़ रुपए बजट जारी कर दिया है। लेकिन अब तक नई बिल्डिंग के लिए जगह तक तय नहीं हो पाई है। बजट मिलने के बाद भी काम कागजों में ही अटका हुआ है।
प्रभारी बोले – अधिकारियों को बताया है
अस्पताल प्रभारी डॉ. चंद्रभान जांगिड़ ने बताया कि भवन पुराना है ओर कुछ हिस्सों में दरारें व पानी टपकने की शिकायत आई हैं। उन्होंने कहा मरमत कि जरूरत है और इस बारे उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया है।
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