निर्मल चौधरी का बड़ा बयान: “पुलिस ने मुझे आतंकवादी की तरह टॉर्चर किया”, कोर्ट से मिली जमानत

राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष निर्मल चौधरी को कोर्ट से जमानत मिल गई है। गिरफ्तारी के बाद मीडिया के सामने उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए और कहा – “मैं डरने वाला नहीं, पहले भी लड़ता था, अब भी लड़ूंगा।” जानिए पूरा मामला।
निर्मल चौधरी

निर्मल चौधरी को मिली कोर्ट से जमानत, गिरफ्तारी पर उठे सवाल

जयपुर – राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और NSUI के राष्ट्रीय चुनाव प्रभारी निर्मल चौधरी को कोर्ट से राहत मिल गई है। शनिवार को जयपुर पुलिस द्वारा परीक्षा केन्द्र के बाहर से की गई गिरफ्तारी के बाद चौधरी को कोर्ट से जमानत मिल गई है। गिरफ्तारी को लेकर सियासी घमासान और छात्र संगठनों का विरोध सामने आया है।

परीक्षा के बाद गिरफ्तारी, चौधरी का फूटा गुस्सा

निर्मल चौधरी, जो वर्तमान में एमए फिलॉसफी (चतुर्थ सेमेस्टर) के छात्र हैं, को गांधी नगर थाना पुलिस ने परीक्षा समाप्त होते ही विश्वविद्यालय परिसर से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए पुलिस पर अमानवीय बर्ताव के आरोप लगाए

निर्मल चौधरी का बड़ा बयान:

“आप लोगों ने लाठी-डंडे के तौर पर पूरी रात मुझे आतंकवादी की तरह टॉर्चर किया। ऐसी-ऐसी बातें बोल-बोलकर मुझे पागल कर दिया – तेरी बहनों को अंदर डाल देंगे, पूरे परिवार को फंसा देंगे। मैं एक बात स्पष्ट कर देता हूं – मैं डरने वाला नहीं हूं। मैं पहले भी लड़ता था और आगे भी लड़ता रहूंगा।”

2022 का मामला बना गिरफ्तारी की वजह

चौधरी की गिरफ्तारी वर्ष 2022 में दर्ज एक पुराने केस को लेकर हुई थी। गांधी नगर थाने में उनके खिलाफ राजकार्य में बाधा और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था। इस केस की जांच मोती डूंगरी थानाधिकारी को सौंपी गई थी। इसी आधार पर उन्हें परीक्षा केन्द्र से गिरफ्तार किया गया।

वकीलों की टीम ने की जमानत की पैरवी

चौधरी की ओर से कोर्ट में एडवोकेट विमल त्यागी, विकास विश्नोई, मेघराज मीणा और राजेन्द्र शर्मा ने पैरवी की। कोर्ट ने मामले की गंभीरता और परीक्षा की स्थिति को देखते हुए चौधरी को जमानत प्रदान की

गिरफ्तारी पर उठा सवाल – शिक्षा संस्थान की गरिमा का उल्लंघन

गिरफ्तारी की टाइमिंग को लेकर विपक्षी नेताओं और छात्र संगठनों ने कड़ा ऐतराज जताया है। NSUI और अन्य छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसर में सिविल ड्रेस में घुसने और गिरफ्तारी को अनुचित करार दिया।

विधायक अभिमन्यु पूनिया का बयान:

“बिना अनुमति के परीक्षा केंद्र में पुलिस का इस तरह घुसना और निर्मल चौधरी को पकड़ना, शिक्षा संस्थानों की गरिमा और कानून की मर्यादा का उल्लंघन है।”

SMS अस्पताल के बाहर भी हुई थी बहस

हाल ही में एसएमएस अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर चल रहे धरना प्रदर्शन में भी चौधरी की पुलिस अधिकारियों से तीखी बहस हुई थी। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे, जिसके बाद से निर्मल चौधरी फिर से सुर्खियों में आ गए।

छात्रों में भय का माहौल, NSUI का विरोध प्रदर्शन

परीक्षा के बीच हुई गिरफ्तारी के विरोध में छात्र संगठनों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि गिरफ्तारी की टाइमिंग ठीक नहीं थी, इससे परीक्षा देने वाले अन्य छात्रों में भय और तनाव का माहौल बन गया।निर्मल चौधरी की गिरफ्तारी और उनके बयानों को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें व्यापक समर्थन मिला। कई छात्र नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चौधरी के समर्थन में ट्वीट किए और पुलिस की कार्रवाई की निंदा की।

निर्मल चौधरी की गिरफ्तारी न केवल एक पुराने मामले को लेकर चर्चा में आई, बल्कि पुलिसि कार्रवाई की नैतिकता और शिक्षा संस्थानों की गरिमा को लेकर भी सवाल खड़े कर गई। चौधरी ने साफ कर दिया है कि वह डरने वाले नहीं हैं और अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

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