भूमिका: जब सरकार ही करने लगे मिलावट!
राजस्थान में किसानों के भरोसे का बड़ा धोखा सामने आया है। जिन खादों को सरकार और सहकारी समितियों के ज़रिए किसानों तक पहुंचाया जा रहा था, वे अब नकली सिंगल सुपर फास्फेट खाद के रूप में सामने आ रही हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब भास्कर ने उदयपुर और प्रतापगढ़ की सहकारी समितियों से खाद के सैंपल लेकर सरकारी लैब में परीक्षण करवाया।
क्या है सिंगल सुपर फास्फेट खाद?
सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) एक प्रमुख उर्वरक है, जिसमें मुख्य रूप से फॉस्फोरस (P2O5) और सल्फर मौजूद होता है। यह खाद मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ाने और फसल उत्पादन को बेहतर करने में मदद करती है।
SSP बनाने की प्रक्रिया:
- रॉक फास्फेट और सल्फ्यूरिक एसिड को मिलाकर SSP तैयार की जाती है।
- इस प्रक्रिया में उच्च गुणवत्ता के फॉस्फोरस और सल्फर का मिश्रण होता है।
- उत्पाद को सूखाकर दानेदार या पाउडर रूप में बेचा जाता है।
👉 लेकिन जब इसमें मिलावट की जाए, तो यह लाभ के बजाय नुकसान देती है।
लैब जांच में हुआ बड़ा खुलासा!
सरकारी लैब से आई रिपोर्ट में SSP खाद में मानकों से बहुत कम मात्रा में फॉस्फोरस पाया गया। नीचे दिए गए हैं तीन स्थानों की जांच रिपोर्ट:
उदयपुर: मेनार सहकारी समिति
पैरामीटर | मानक (%) | मिली मात्रा (%) |
---|---|---|
फॉस्फोरस | 16 | 6.35 |
जल में घुलनशील फॉस्फोरस | 14.5 | 3.13 |
सल्फेट सल्फर | 11 | 7.83 |
मुक्त फास्फोरिक एसिड | 4.0 | 0.22 |
भरतपुर: कृषि विभाग की जांच
पैरामीटर | मानक (%) | मिली मात्रा (%) |
---|---|---|
फॉस्फोरस | 16 | 1.19 |
जल में घुलनशील फॉस्फोरस | 14.5 | 0.40 |
सल्फेट सल्फर | 11 | 0.72 |
मुक्त फास्फोरिक एसिड | 4.0 | 0.00 |
प्रतापगढ़: सुहागपुरा बहुउद्देशीय समिति
पैरामीटर | मानक (%) | मिली मात्रा (%) |
---|---|---|
फॉस्फोरस | 16 | 5.94 |
जल में घुलनशील फॉस्फोरस | 14.5 | 1.03 |
सल्फेट सल्फर | 11 | 4.26 |
मुक्त फास्फोरिक एसिड | 4.0 | 0.34 |
विशेषज्ञों की राय
राजस्थान कृषि अनुसंधान केंद्र, जयपुर के डॉ. लोकेश कुमार ने बताया कि:
“अगर SSP में फॉस्फोरस की मात्रा 16% से कम है, तो वह नकली मानी जाएगी। ऐसे मामलों में मिलावट के तौर पर मार्बल, ग्रेनाइट और जिप्सम का पाउडर मिलाया जाता है। यह खाद फसल के लिए उपयोगी नहीं, बल्कि हानिकारक साबित हो सकती है।”
जिम्मेदार कौन? सरकार या सप्लायर?
दो सालों से राजस्थान में सिंगल सुपर फास्फेट खाद गुजरात की सरदार एग्रो फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड से खरीदी जा रही है। फरवरी में ही 8189.280 मीट्रिक टन SSP की खरीद क्रय-विक्रय समिति ने की थी।
राज्य के सहकारिता मंत्री गौतम दक ने सफाई में कहा:
“हमने पहले ही निर्देश जारी कर दिए थे कि कोई भी निजी कंपनी की खाद-बीज नहीं खरीदी जाएगी। यदि कोई समिति ऐसा करती है, तो उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा।”
लेकिन सवाल उठता है – जिम्मेदारी किसकी थी कि पहले ही खाद की गुणवत्ता जांची जाती?
नकली SSP खाद के खतरे
- फसल की पैदावार घटेगी।
- मिट्टी की गुणवत्ता खराब होगी।
- किसानों को आर्थिक नुकसान होगा।
- लंबे समय तक मिट्टी में उर्वरक अवशेष रह सकता है।
- कृषि उत्पादन प्रणाली पर गहरा असर।
किसान कैसे करें असली और नकली SSP खाद की पहचान?
पहचान का तरीका | विवरण |
---|---|
पैक पर कंपनी और मैन्युफैक्चरिंग डिटेल्स देखें | असली कंपनियां पूर्ण जानकारी देती हैं |
खाद की लैब टेस्टिंग करवाएं | सैंपल सरकारी लैब में भेज सकते हैं |
खाद की दानेदारी और रंग पर ध्यान दें | नकली SSP में रंग हल्का और बनावट अलग होती है |
सरकारी रसीद लें | खरीदारी का प्रमाण हमेशा रखें |
किसान ही क्यों भुगते सरकार की गलती?
“नकली सिंगल सुपर फास्फेट खाद” की मिलावट सरकार के नियंत्रण वाली सहकारी समितियों के जरिए की जा रही है, तो इसका सीधा असर राजस्थान के लाखों किसानों पर पड़ेगा। ऐसे में आवश्यक है कि:
- खाद की गुणवत्ता की नियमित जांच हो।
- दोषी समितियों और कंपनियों पर कठोर कार्यवाही हो।
- किसानों को जागरूक किया जाए।
FAQs
Q. नकली SSP खाद का क्या असर पड़ता है फसलों पर?
A. इससे फसल की पैदावार कम होती है और मिट्टी की उर्वरकता भी खत्म हो सकती है।
Q. SSP खाद में फॉस्फोरस की मानक मात्रा कितनी होनी चाहिए?
A. कम से कम 16% फॉस्फोरस होना अनिवार्य है।
Q. क्या सरकार इस पर कार्यवाही कर रही है?
A. सहकारिता मंत्री के अनुसार, निजी कंपनियों की खाद की बिक्री पर रोक है और उल्लंघन पर लाइसेंस निलंबित किए जाएंगे।
Q. नकली SSP की पहचान कैसे करें?
A. खाद के रंग, दानेदारी, लैब रिपोर्ट और खरीद रसीद से जांच संभव है।
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