कुरुक्षेत्र बनेगा अध्यात्मिक नगरी का ग्लोबल सेंटर
कुरुक्षेत्र, जो महाभारत काल से धर्म और आध्यात्मिकता का केंद्र रहा है, अब तकनीक और विकास की नई राह पर है। हाल ही में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की 82वीं बैठक में जो निर्णय लिए गए, वे कुरुक्षेत्र को एक विश्वस्तरीय धार्मिक नगरी के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम हैं।
बैठक की अध्यक्षता हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने की और उपस्थिति में थे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। इस बैठक में कुरुक्षेत्र इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू करने के फैसले ने सभी का ध्यान खींचा।
कुरुक्षेत्र इलेक्ट्रिक बस सेवा: तीर्थ यात्रा अब और आसान
बैठक में यह तय किया गया कि कुरुक्षेत्र में जल्द ही इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी, जो पूरे 48 कोस तीर्थ क्षेत्र को आपस में जोड़ेंगी। ये बसें पर्यावरण के अनुकूल होंगी और श्रद्धालुओं को आरामदायक यात्रा का अनुभव देंगी।
मुख्य विशेषताएं:
- 164 पुराने + 18 नए तीर्थ स्थलों को जोड़ेगी सेवा
- हर बस में रूट मैप उपलब्ध होगा
- डेली व डेलीवेज़ पास की सुविधा
- एंट्री पास के रूप में भी होंगे मान्य
महाभारत की थीम पर बनेगा शहर का लुक
अब कुरुक्षेत्र में घूमते समय हर चौक और गेट पर महाभारत की झलक देखने को मिलेगी। सरकार ने आदेश दिए हैं कि:
- महाभारत थीम पर प्रवेश द्वार और चौक बनाए जाएं
- सुदर्शन चक्र और श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ नई लाइटिंग
- प्रत्येक ऐतिहासिक स्थल पर जानकारी देने वाले बोर्ड लगाए जाएं
इससे ना सिर्फ तीर्थयात्री, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक भी कुरुक्षेत्र की ऐतिहासिकता को गहराई से समझ पाएंगे।
4 बड़े इंफॉर्मेशन सेंटर बनेंगे तीर्थ यात्रियों की मदद के लिए
श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए 4 सूचना केंद्र बनाए जा रहे हैं:
- पिपली बस स्टैंड
- कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन
- ज्योतिसर क्षेत्र
- केडीबी कार्यालय
यह केंद्र तीर्थयात्रियों को मार्गदर्शन, बस टाइमिंग्स, तीर्थ स्थलों की जानकारी, और एंट्री पास जैसी सभी जानकारी देंगे।
ग्लोबल गीता समिट की तैयारी, जापान बनेगा साझेदार
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी ने सुझाव दिया कि ग्लोबल गीता समिट का आयोजन कुरुक्षेत्र में होना चाहिए, जिसमें जापान को ग्लोबल पार्टनर बनाया जाए। इससे कुरुक्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक छवि विश्वभर में फैल सकेगी।
हर गांव में मनेंगे 48 उत्सव, तीर्थ स्थलों को मिलेगा जीवन
राज्यपाल ने प्रस्ताव रखा कि 48 कोस में आने वाले गांवों में साल भर में कम से कम 48 उत्सव आयोजित किए जाएं। इसमें स्थानीय लोगों की सहभागिता अनिवार्य होगी। यह प्रयास गांवों को आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त करेगा।
विकास कार्यों में तेज़ी: सरोवरों और मेलों का होगा कायाकल्प
बैठक में कुरुक्षेत्र के सरोवरों की सफाई, मेले क्षेत्र का नवीनीकरण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं बनाई गईं। सीएम ने कहा कि यह सिर्फ विकास नहीं, बल्कि आस्था का विस्तार है।
आकर्षक एंट्री गेट और सेल्फी पॉइंट्स बनेंगे नया आकर्षण
महाभारत की थीम पर आधारित गेट और प्रतिमाएं कुरुक्षेत्र को इंस्टाग्रामेबल डेस्टिनेशन बना देंगी। आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक इन स्थलों पर सेल्फी लेकर अपनी यात्रा को यादगार बना सकेंगे।
“कुरुक्षेत्र इलेक्ट्रिक बस सेवा” न सिर्फ तीर्थ यात्रियों के लिए वरदान है, बल्कि यह शहर की आध्यात्मिक छवि को भी नया आयाम देगी। महाभारत की धरती अब स्मार्ट और सस्टेनेबल बनकर पूरी दुनिया के श्रद्धालुओं को आकर्षित करने के लिए तैयार है।
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