कालिया” के डायलॉग पर भिड़े थे अमिताभ बच्चन और टीनू आनंद, सेट पर मच गया था तनाव

1981 में रिलीज़ हुई सुपरहिट फिल्म ‘कालिया’ को लेकर एक दिलचस्प किस्सा सामने आया है। अमिताभ बच्चन और फिल्म के निर्देशक टीनू आनंद के बीच एक डायलॉग को लेकर जमकर बहस हो गई थी, जिसने फिल्म की शूटिंग के दौरान माहौल तनावपूर्ण बना दिया था।
कालिया फिल्म विवाद

मुंबई | एंटरटेनमेंट रिपोर्ट | 21 जून 2025

“तू आतिश-ए-दोज़ख से डराता है जिन्हें, वो आग को पी जाते हैं पानी कर के” — यही था विवाद का केंद्र

सूत्रों के मुताबिक, फिल्म का एक मशहूर डायलॉग —
“तू आतिश-ए-दोज़ख से डराता है जिन्हें, वो आग को पी जाते हैं पानी कर के”
पर ही दोनों दिग्गज आमने-सामने आ गए थे। अमिताभ बच्चन को यह संवाद अप्रभावी और बेमतलब लग रहा था, जबकि टीनू आनंद इसे किसी भी हाल में हटाने को तैयार नहीं थे।

इस डायलॉग को लेकर अमिताभ ने टीनू से स्पष्ट कह दिया कि,

“अगर यह डायलॉग नहीं बदला गया, तो आप मुझे ही बदल दीजिए।”

लेकिन टीनू ने भी उतनी ही सख्ती से जवाब दिया, क्योंकि यह संवाद उनके पिता इंदर राज आनंद ने लिखा था और वह इसे सम्मान का विषय मानते थे।

आखिरकार अमिताभ को माननी पड़ी बात

काफी लंबी बहस और टकराव के बाद, अमिताभ बच्चन को टीनू आनंद के फैसले के सामने झुकना पड़ा। उन्होंने वह संवाद बोला — और दिलचस्प बात यह रही कि वही लाइन आज फिल्म की सबसे दमदार पंक्तियों में गिनी जाती है।

कालिया: सुपरस्टार अमिताभ के ‘एंग्री यंग मैन’ दौर की अहम फिल्म

1981 में रिलीज़ हुई ‘कालिया’ हिंदी एक्शन थ्रिलर फिल्म थी, जिसे टीनू आनंद ने निर्देशित किया था। फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ परवीन बॉबी, आशा पारेख, कादर ख़ान, प्राण, अमजद ख़ान, केएन सिंह और जगदीप जैसे कलाकारों ने अहम भूमिकाएं निभाईं।

यह फिल्म उस साल की आठवीं सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म रही थी। ‘कालिया’ की सफलता ने अमिताभ के ‘एंग्री यंग मैन’ की छवि को और मजबूत किया।

कालिया की रीमेक कहानी

फिल्म की लोकप्रियता इतनी अधिक थी कि इसे बाद में कन्नड़ और तमिल भाषाओं में भी रीमेक किया गया।

  • कन्नड़ में: 1984 में ‘हुलियादा काला’ के नाम से, जिसमें टाइगर प्रभाकर मुख्य भूमिका में थे।
  • तमिल में: 1987 में ‘कुलीवकरन’ के नाम से, जिसमें विजयकांत नज़र आए।

कालिया के डायलॉग्स: जो यादगार बन गए

हालांकि अमिताभ बच्चन शुरुआत में उस एक डायलॉग को बोलने में असहज थे, मगर जब उन्होंने उसे परदे पर पेश किया तो वह लाइन क्लासिक बन गई। ‘कालिया’ आज भी उस जमाने की दमदार फिल्मों में से एक मानी जाती है, जिसका प्रभाव आज के दर्शकों पर भी कायम है।

‘कालिया’ फिल्म न केवल अमिताभ बच्चन के करियर में मील का पत्थर साबित हुई, बल्कि इसका यह डायलॉग विवाद भी यह दिखाता है कि रचनात्मक असहमति भी कभी-कभी महान सिनेमा का जन्म देती है।

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