बाजरे की नई किस्में की क्रांति, कम समय ज्यादा मुनाफा
देश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। पूसा दिल्ली और कृषि अनुसंधान संस्थान ने मिलकर बाजरे की ऐसी नई किस्में तैयार की हैं जो केवल 65 से 85 दिन में पककर तैयार हो जाएंगी। यह पहले की देशी फसलें जो किसान शुरू खेती करते है, उनके मुकाबले 25-30 दिन पहले ही तैयार हो जायेगे। जिसे किसानों के समय की भी बचत होगी, साथ ही किसानों का मुनाफा भी ज्यादा होगा।
जिसे किसानों की अर्थव्यवस्था तो सुधरेगी। साथ में देश का बाजरा उपादान भी बढ़ेगा। किसानों को भी सीधा फायदा मिलेगा
रोहतक के कृषि विज्ञान केंद्र की विशेषज्ञ डॉ. मीना सिवाच बताती हैं कि यह किस्में किसानों की आमदनी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगी। ये प्रजातियां कम समय में तैयार होने के साथ-साथ 40% तक अधिक उत्पादन दे सकती हैं। साथ ही डॉ. मीना सिवाच ने बताया है, बाजरे की नई किस्में उपादान के साथ विशेष बात यह भी इनकी पौष्टिकता भी काफी उच्च है। जिसे खाने वाले को सेहत में भी फायदा मिलेगा!
सेहत के लिए क्यों फायदेमंद है नई किस्में ?
नई किस्में उपादान के साथ फायदेमंद सेहत के लिए इसलिए है, क्योंकि इनकी पौष्टिक गुणवत्ता काफी बेहतर हैं। समझे विस्तार से..
एचएचबी 311 नामक बाजरे की किस्म में 80 से 83 पीपीएम तक आयरन की मात्रा पाई गई है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है।
जानिए कौनसी किस्में हैं बाजरे ? पूरी जानकारी
फसल | किस्म का नाम | पकने में समय (दिन) | उत्पादन क्षमता (प्रति एकड़) | विशेषता |
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बाजरा | HC 30 | 80-85 दिन | 15 क्विंटल | तेजी से पकने वाली किस्म |
बाजरा | HC 10 | 75-80 दिन | 12 क्विंटल | संतुलित उत्पादन |
बाजरा | HHB 67 | 85 दिन | 11 क्विंटल | देशी किस्म से बेहतर |
बाजरा | HHB 311 | 75 दिन | 12-13 क्विंटल (अनुमानित) | आयरन से भरपूर (80-83 PPM) |
किसानों के लिए सरकार द्वारा जागरूक अभियान शुरू
बाजरे की नई किस्में किसानों तक पहुंचाने के लिए, कृषि विभाग लगातार गांवों में जाकर किसानों तक बाजरे की किस्में पहुंचा रही है। और किसानों को फायदे साझा कर रही हैं।
किसानों को बताया जा रहा है कि ये नई किस्में कैसे उनके लिए लाभकारी हो सकती हैं।
जो किसान इन बीजों को लेना चाहते हैं, वे सीधे कृषि विज्ञान केंद्र जाकर संपर्क कर सकते हैं।
केंद्र से किसानों को बीज उपलब्ध कराने में पूरी मदद की जाएगी।
किसानों को क्यों चुननी चाहिए बाजरे की नई किस्में ?
कम समय में तैयार-किसानों को बाजरे की किस्में इसीलिए चुननी चाहिए, क्योंकि यह किस्में कम समय में तैयार हो जायेगे।
उपादान ज्यादा – बाजरे की नई किस्में का उपादान ज्यादा है, जिसका फायदा सीधे किसानों को होगा। क्योंकि अगर किसान की फसल ज्यादा होगी, तो फसल में बचत भी ज्यादा होगी।
सेहत के लिए बेहतर- बाजरे की नई किस्में सेहत के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इन किस्मों में देसी बाजरे के मुकाबले में ज्यादा आयरन और पोषिक तत्व हैं। जिसे खाने वाले के लिए ज्यादा फायदा होगा, बीमारियां भी कम होगी।
किसानों की आय बढ़ाने में सहायक – सबसे ज्यादा जरूरी होता है, हम जो भी कार्य करे उस बचत ज्यादा होनी चाहिए। आज के समय में बाजरे की देशी किस्में जिन से किसानों की लागत भी निकल पाती है। जिस का असर यह हुआ, की बाजरे की खेती में बहुत तेजी से गिरावट आई है। इसलिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। ताकि बाजरे की नई किस्में से मुनाफा ज्यादा होगा, तो बाजरे का उपादान भी बढ़ेगा।
FAQs: किसानों के लिए ज़रूरी सवाल-जवाब ?
Q1. बाजरे की नई किस्में कितने दिन में पक कर तैयार होती हैं?
A. 65 से 85 दिन में ये किस्में तैयार हो जाती हैं, जो देशी किस्मों से 20-25 दिन कम है।
Q2. इन किस्मों का उत्पादन कितना है?
A. उत्पादन 11 से 15 क्विंटल प्रति एकड़ तक हो सकता है, जो पारंपरिक किस्मों से काफी अधिक है।
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