चूरू | भारत खबर
किसानों के लिए राहत भरी खबर है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कृषि विभाग ने 3 साल में पहली बार बीमा करवाने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है। पहले यह 31 जुलाई थी, लेकिन अब ऋणी किसानों के लिए इसे बढ़ाकर 14 सितंबर और गैर-ऋणी किसानों के लिए 14 अगस्त कर दिया गया है।
इस फैसले की वजह किसानों का बीमा में घटता रुझान है। इस साल चूरू जिले में अब तक 1,60,779 किसानों ने बीमा करवाया है, जबकि पिछले साल यह संख्या 1,86,957 थी। यानी 26 हजार किसान बीमा से दूर हो गए हैं।
4 साल से अटका खरीफ का क्लेम
जांच में सामने आया कि जिले में पिछले 4 साल से खरीफ का बीमा क्लेम नहीं मिला। किसानों का आरोप है कि बीमा कंपनियां अपने फायदे के लिए नियम बदलती हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है।
पहले कृषि विभाग की ओर से क्रॉप कटिंग और गारंटी उपज के आंकड़े जारी होते थे, लेकिन अब कंपनियों के नियमों के कारण ये डेटा सार्वजनिक नहीं किया जाता। नतीजा—किसान अपनी फसल के नुकसान का सही आकलन नहीं कर पा रहे।
एक्सपर्ट की राय
भारतीय किसान सभा के राज्य कमेटी सदस्य एडवोकेट निर्मल प्रजापत के मुताबिक, किसानों को खरीफ 2021, 2022, 2023 और 2024 का क्लेम नहीं मिला।
- किसान क्रॉप कटिंग के आधार पर क्लेम चाहते हैं।
- कंपनियां सैटेलाइट रिपोर्ट से क्लेम तय कर रही हैं, जिससे भुगतान बेहद कम हो रहा है।
- कई किसानों को तो ना के बराबर क्लेम मिल रहा है।
बारिश और बुवाई के आंकड़े
इस साल जिले में अच्छी बारिश के कारण खरीफ की बुवाई बेहतर हुई है।
- कुल बुवाई: 10.29 लाख हैक्टेयर (लक्ष्य – 10.94 लाख हैक्टेयर)
- सबसे ज्यादा फसल: मूंग – 4 लाख हैक्टेयर
किस तहसील में कितनी बुवाई और बीमा?
तहसील | बीमा कराने वाले किसान | बुवाई क्षेत्र (हेक्टेयर) |
---|---|---|
भानीपुरा | 12041 | 74473 |
बीदासर | 9085 | 32119.66 |
चूरू | 24037 | 82785.62 |
राजलदेसर | 4926 | 14009.45 |
राजगढ़ | 26473 | 69264.85 |
रतनगढ़ | 12656 | 18011 |
सरदारशहर | 43095.03 | 87968.69 |
सिद्धमुख | 12886 | 37498.79 |
सुजानगढ़ | 26828 | 40566.67 |
तारानगर | 13836 (सबसे ज्यादा) | 103172.94 |
कृषि विभाग ने सभी बैंकों को KCC धारक किसानों का बीमा कराने के निर्देश दिए हैं। लगातार कैंप और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
डॉ. राजकुमार कुल्हरी, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग चूरू के मुताबिक, “ऋणी किसानों के लिए बीमा की अंतिम तिथि 14 सितंबर तक बढ़ाई गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इसका लाभ ले सकें।”