“सिर्फ एक फोटो से हैक हो सकता है आपका फोन! DG साइबर क्राइम की बड़ी चेतावनी, जानिए कैसे बचें”

फोटो, ऑडियो या वीडियो के ज़रिए साइबर ठग आपके मोबाइल का पूरा कंट्रोल ले सकते हैं! DG साइबर क्राइम की एडवाइजरी से जानिए कैसे हो रहा ये खतरनाक खेल और कैसे आप खुद को बचा सकते हैं।

सिर्फ एक फोटो से हैक हो सकता है आपका फोन! DG साइबर क्राइम की बड़ी चेतावनी

आज के डिजिटल युग में जहां एक ओर टेक्नोलॉजी ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है, वहीं दूसरी ओर साइबर ठगों ने इसे खतरे में डाल दिया है। ठग अब फोटो, ऑडियो, वीडियो या फिशिंग लिंक के ज़रिए आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। DG साइबर क्राइम हेमंत प्रियदर्शी ने इस खतरे को गंभीरता से लेते हुए हाल ही में एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें बताया गया है कि कैसे एक साधारण-सी दिखने वाली फाइल आपके पूरे मोबाइल का एक्सेस ठगों को दे सकती है।

क्या है नया साइबर ठगी का तरीका?

साइबर ठग अब आपको WhatsApp, Instagram, Telegram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फोटो, ऑडियो या वीडियो भेजते हैं। इनमें छिपा होता है एक खतरनाक कोड जिसे तकनीकी भाषा में स्टेग्नोग्राफी (Steganography) कहा जाता है। जैसे ही आप उस फाइल को ओपन करते हैं, वह कोड आपके मोबाइल में सक्रिय हो जाता है और ठगों को रिमोट एक्सेस मिल जाता है।

स्टेग्नोग्राफी क्या है?

स्टेग्नोग्राफी एक टेक्नीक है जिसमें किसी मैसेज, वायरस या कोड को किसी फोटो, वीडियो या ऑडियो फाइल में इस तरह छिपाया जाता है कि वह सामान्य आंखों से नजर नहीं आता। जैसे ही वह फाइल डाउनलोड या प्ले होती है, अंदर छिपा वायरस आपके डिवाइस में एक्टिव हो जाता है।

कैसे होता है मोबाइल हैक?

  1. फोटो/वीडियो भेजना: ठग पहले आपको एक संदिग्ध लेकिन जान-पहचान वाले व्यक्ति के नाम से फोटो या वीडियो भेजते हैं।
  2. फाइल ओपन करना: आप जैसे ही इसे ओपन करते हैं, आपके मोबाइल में बैकग्राउंड में एक स्क्रिप्ट रन होती है।
  3. रिमोट एक्सेस मिलना: इस स्क्रिप्ट के जरिए आपका डिवाइस हैक हो जाता है और उसका पूरा एक्सेस ठग को मिल जाता है।
  4. बैंक खाते खाली: इसके बाद ठग आपके फोन से OTP लेकर बैंक अकाउंट या डिजिटल वॉलेट से पैसे उड़ा लेते हैं।

फिशिंग लिंक का जाल

साइबर अपराधी लुभावने ऑफर के नाम पर आपको फेक लिंक भेजते हैं, जैसे – “आपने जीता iPhone 15!” या “अब 1 लाख रुपये पाएं घर बैठे!”। जब आप इन पर क्लिक करते हैं, तो आप एक नकली वेबसाइट पर पहुंचते हैं जो देखने में असली जैसी होती है। वहां अगर आपने कोई भी जानकारी दी, तो वह सीधा ठगों के पास पहुंच जाती है।

डाउनलोडिंग स्कैम

एक और तरीका है जहां ठग किसी अजनबी की फोटो भेजकर पहचानने के लिए कहते हैं। आप जैसे ही वह फोटो डाउनलोड करते हैं, उसमें छिपा कोड आपके डिवाइस को हैक कर लेता है।

DG साइबर क्राइम की एडवाइजरी – ऐसे बचें ठगी से

DG साइबर क्राइम हेमंत प्रियदर्शी और साइबर कमांडो महेश कुमार ने कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं:

अनजान फाइल को कभी डाउनलोड न करें: चाहे वह फोटो हो, ऑडियो हो या वीडियो।

मीडिया ऑटो डाउनलोड बंद करें: WhatsApp या Telegram जैसी एप्स की सेटिंग में जाकर ऑटो डाउनलोड बंद कर दें।

संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें: कोई फाइल डाउनलोड करने के बाद नया ऐप तो नहीं आया? फोन स्लो तो नहीं हो गया?

2-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन रखें: अपने बैंक और सोशल मीडिया अकाउंट्स में टू-फैक्टर अथेंटिकेशन ज़रूर लगाएं।

मोबाइल और ऐप्स को अपडेट रखें: क्योंकि हर अपडेट में नए सिक्योरिटी फीचर्स आते हैं।

सुरक्षित ब्राउजिंग करें: किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले URL जांचें। हमेशा https:// से शुरू

अगर ठगी हो जाए तो क्या करें?

यदि आपके साथ कोई भी साइबर ठगी होती है तो घबराएं नहीं। तुरंत नीचे दिए गए किसी भी माध्यम से शिकायत करें:

  • साइबर हेल्पलाइन नंबर: 1930
  • वेबसाइट: www.cybercrime.gov.in

निष्कर्ष

डिजिटल दुनिया जितनी सुविधाजनक है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है यदि आप सावधान न रहें। एक छोटी-सी गलती आपको लाखों का नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए, हर लिंक, फोटो, वीडियो या ऑडियो को सोच-समझकर ओपन करें और अपने डिवाइस की सुरक्षा में कोई भी ढील न बरतें।

यह भी पढ़ें : PPF 15+5+5 फार्मूला: चुपचाप करोड़पति बनने की गारंटीड योजना