मिस वर्ल्ड 2025 में दिखेगा भारत का वैभव – परिधान नहीं, विरासत पहनेंगी सुंदरियां!
तेलंगाना के गांवों में जहां कभी हथकरघे की गूंज सुनाई देती थी, आज वही पारंपरिक कला एक बार फिर दुनिया के सामने चमकने को तैयार है। मिस वर्ल्ड 2025 का ग्रैंड फिनाले 31 मई को हैदराबाद में आयोजित होने जा रहा है, और इस बार यह आयोजन केवल सुंदरियों की प्रतियोगिता नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव भी बन गया है।
टॉप 40 सुंदरियां पहनेंगी भारत की कहानी
इस फिनाले में भाग लेने वाली टॉप 40 प्रतियोगियों के लिए जो पोशाकें तैयार की गई हैं, वो साधारण कपड़े नहीं हैं। ये हैं तेलंगाना की पारंपरिक बुनाई की जीती-जागती मिसालें – पोचमपल्ली इकत, नारायणपेट और गोल्लाभामा जैसे अनोखे टेक्सटाइल डिजाइनों से तैयार किए गए परिधान, जिनमें चारमीनार, गोलकुंडा और चौमहल्ला पैलेस जैसे ऐतिहासिक स्थलों की झलक दिखेगी।
इन परिधानों को भारतीय शाही पहनावे की तरह तैयार किया गया है। हर ड्रेस में लगभग 4 ग्राम सोने के धागे और असली मोती जड़े गए हैं, जो इन पोशाकों को न केवल दिखने में भव्य बनाते हैं बल्कि इनका आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बढ़ा देते हैं। सोना जहाँ समृद्धि और दिव्यता का प्रतीक है, वहीं मोती पवित्रता और सुंदरता का प्रतिरूप माने जाते हैं।
723 कारीगरों का महीनों का समर्पण
इन 242 परिधानों को एक महीने के भीतर 723 कारीगरों ने अपने हाथों से तैयार किया है। यह काम न केवल कठिन था बल्कि बेहद बारीकी और समर्पण की मांग करता था। हर कढ़ाई, हर धागा, हर मोती – सब कुछ हाथ से जोड़ा गया है। इन पोशाकों में मशीन की नहीं, बल्कि मानवीय भावनाओं और कलात्मकता की बुनाई है।
यह परिधान सिर्फ पहनावे नहीं हैं, बल्कि भारतीय विरासत और सांस्कृतिक दस्तावेज़ हैं, जो आने वाले वर्षों में भारत की पहचान को वैश्विक मंच ( मिस वर्ल्ड 2025 ) और मजबूत करेंगे।
नंदिनी गुप्ता: भारत का प्रतिनिधित्व करती एक प्रेरणा
भारत की ओर से इस बार नंदिनी गुप्ता मिस वर्ल्ड में भाग ले रही हैं। फिनाले में नंदिनी जो ड्रेस पहनेंगी, वो विशेष रूप से ‘काउचर’ ड्रेस होगी, जिसे शक्ति, गरिमा और भारतीय परंपरा के भाव को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। डिजाइनर अर्चना कोचर ने इस ड्रेस को न केवल एक पहनावा, बल्कि भारत की ‘नारी शक्ति’ की जीवंत झलक के रूप में तैयार किया है।
डिजाइनर अर्चना कोचर का शानदार विजन
इस भव्य आयोजन की ऑफिशियल डिजाइनर हैं अर्चना कोचर, जो फैशन इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम हैं। उन्होंने बताया कि इस बार के परिधानों को सिर्फ सुंदर दिखाने के उद्देश्य से नहीं, बल्कि भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को एक मंच पर लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
अर्चना के अनुसार, फिनाले के बाद ये सभी परिधान जुहू स्थित स्टोर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित किए जाएंगे। इनसे जो भी आय होगी, उसका उपयोग भारत के बुनकरों और महिला कारीगरों की सहायता के लिए किया जाएगा।
ईको-फ्रेंडली फैशन की नई परिभाषा
इन परिधानों की एक और खास बात यह है कि ये सभी ‘ईको-फ्रेंडली’ यानी पर्यावरण के अनुकूल हैं। इनमें नैचुरल डाई (प्राकृतिक रंग), स्थानीय फैब्रिक, जीरो वेस्ट पैटर्न, इनोवेटिव ड्रेपिंग स्टाइल और हैंडलूम तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसका उद्देश्य न केवल भारतीय पारंपरिक कारीगरी को बढ़ावा देना है, बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित रखना है।
भारत की सांस्कृतिक विरासत का वैश्विक प्रदर्शन
मिस वर्ल्ड 2025 जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की पारंपरिक बुनाई, हस्तशिल्प और शिल्पकारों की कला को प्रदर्शित करना, एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ यानी सांस्कृतिक ताकत को पूरी दुनिया में उजागर करता है।
यह आयोजन यह संदेश देता है कि भारत न केवल तकनीक, विज्ञान और व्यापार में अग्रणी है, बल्कि कला, संस्कृति और परंपरा के क्षेत्र में भी अद्वितीय है।
निष्कर्ष: यह सिर्फ एक फैशन शो नहीं, भारत की आत्मा का उत्सव है
मिस वर्ल्ड 2025 का फिनाले न केवल सुंदरता की प्रतियोगिता है, बल्कि यह भारतीय विरासत, कारीगरी, परंपरा और नारी शक्ति का जश्न भी है। भारत के बुनकरों के हाथों से तैयार किए गए परिधान जब मंच पर जगमगाएंगे, तो पूरी दुनिया भारत की कला, संस्कृति और रचनात्मकता के आगे नतमस्तक हो जाएगी।